टीके की ताकत : एक ही स्वास्थ्य कर्मी पर कोरोना के तीन वार, पर सारे बेकार
आप सुनकर हैरान होंगे मगर यह सच है कि पहली बार देश में एक ही स्वास्थ्यकर्मी कोरोना महामारी की हर लहर में संक्रमित मिला। इसे लेकर वैज्ञानिकों ने जब अध्ययन किया तो पता चला कि साल 2020 में स्वास्थ्य कर्मचारी कोरोना के एल्फा वैरिएंट से संक्रमित हुआ। इसके बाद साल 2021 के दौरान वह डेल्टा वैरिएंट की चपेट में आया और इस साल 2022 में वह ओमिक्रॉन संक्रमित भी पाया गया। एक ही स्वास्थ्य कर्मचारी में कोरोना के तीन सबसे गंभीर वैरिएंट मिलने के बाद नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) ने मिलकर जब अध्ययन किया तो पता चला कि तीनों बार संक्रमित होने के बाद भी स्वास्थ्य कर्मचारी को टीका लगा होने की वजह से अस्पताल नहीं जाना पड़ा। जर्नल ऑफ इंफेक्शन में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार रोगी कुछ दिन घर में रहकर ठीक हुआ। एनआईवी की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. प्रज्ञा यादव ने बताया, 38 वर्षीय एक ही व्यक्ति में उन्हें प्राइमरी, ब्रेक थ्रू व री-इंफेक्शन मिले हैं। डेल्टा से मरीज को ब्रेक थ्रू इंफेक्शन हुआ था, जबकि ओमिक्रॉन को री-इंफेक्शन कैटेगरी में रखा गया। अभी तक ओमिक्रॉन री-इंफेक्शन का पहला मामला भी है। डॉ. यादव ने बताया कि तीन बार संक्रमित कर्मी की जांच में पता चला कि एंटीबॉडी में कमी आई है, लेकिन टीकाकरण के कारण संक्रमण से बचाव हो पाया। चौथी खुराक भी हो सकती है जरूरी वैज्ञानिकों का कहना है कि भविष्य में टीके की चौथी खुराक भी ली जा सकती है। इनके अनुसार, अध्ययन में यह स्पष्ट हुआ है कि टीकाकरण के जरिये कोरोना के नए नए वैरिएंट को बेअसर किया जा सकता है। यह एंटीबॉडी के स्तर पर भी निर्भर करता है। तीन तीन खुराक लेने के बाद एंटीबॉडी कितने समय तक शरीर में रहती है, इसके बारे में अभी जानकारी नहीं है लेकिन इसके बाद भी एंटीबॉडी का स्तर कम रहता है तो भविष्य में चौथी खुराक भी ली जा सकती है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Apr 20, 2022, 05:49 IST
आप सुनकर हैरान होंगे मगर यह सच है कि पहली बार देश में एक ही स्वास्थ्यकर्मी कोरोना महामारी की हर लहर में संक्रमित मिला।